नवरात्रि त्योहार है उस मातृ-शक्ति के प्रति कृतज्ञता का जिसने प्रकृति के नृत्य में सक्रिय भाग लिया। प्रकृति ने स्त्री को अपने महारास में शामिल किया। उसे इस सृष्टि का विधायक दर्जा दिया। उसे सृजन में शामिल किया। नवरात्रि इस चेतन प्रकृति माँ के प्रति कृतज्ञता है।
ऐसा नहीं कि स्त्री सिर्फ माँ है। उसके कितने रूप हैं उन्हें ही व्यक्त करने को सृष्टि ने नवरात्रि पर्व को जन्म दिया। नौ के अंक को पूर्णांक माना गया है। इसमें सब समाया है। सारी सृष्टि समाई है। यह व्यक्त करता है कि नारी साधारण नहीं है। यह नौ रूपों में समाए इसके प्रतिनिधि रूप हैं। यह महागौरी है, तो महाकाली भी बन सकती है। यह स्कंदमाता और शैलपुत्री तो है ही, पर कात्यायनी और कालरात्रि भी है। इस देश ने लाखों सालों से सिर्फ जीवन को समझने में स्वयं को अर्पित कर दिया। नवरात्रि का पर्व तथा उल्लास उस समझ के प्रतिनिधि हैं जो ऋषियों की परंपरा के रूप में इसे हासिल हुई। इनमें गहरे आध्यात्मिक अर्थ छुपे हुए हैं। ये सूत्र इस मानव जीवन के लिए उतने ही कीमती हैं जितने विज्ञान के लिए न्यूटन और आईंस्टीन के सूत्र।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।
आप सभी को नवरात्री की शुभकामनाएँ।
ऐसा नहीं कि स्त्री सिर्फ माँ है। उसके कितने रूप हैं उन्हें ही व्यक्त करने को सृष्टि ने नवरात्रि पर्व को जन्म दिया। नौ के अंक को पूर्णांक माना गया है। इसमें सब समाया है। सारी सृष्टि समाई है। यह व्यक्त करता है कि नारी साधारण नहीं है। यह नौ रूपों में समाए इसके प्रतिनिधि रूप हैं। यह महागौरी है, तो महाकाली भी बन सकती है। यह स्कंदमाता और शैलपुत्री तो है ही, पर कात्यायनी और कालरात्रि भी है। इस देश ने लाखों सालों से सिर्फ जीवन को समझने में स्वयं को अर्पित कर दिया। नवरात्रि का पर्व तथा उल्लास उस समझ के प्रतिनिधि हैं जो ऋषियों की परंपरा के रूप में इसे हासिल हुई। इनमें गहरे आध्यात्मिक अर्थ छुपे हुए हैं। ये सूत्र इस मानव जीवन के लिए उतने ही कीमती हैं जितने विज्ञान के लिए न्यूटन और आईंस्टीन के सूत्र।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।
आप सभी को नवरात्री की शुभकामनाएँ।