Sunday 27 December, 2009

हेलो मुंबई...


आज मुंबई में दूसरी सुबह है। हम अभी तय कर रहे हैं कि एस्सेल वल्डॆ चलें या मुरुड. मैं मुरुड जाना चाहता था क्योंकि यह वही रास्ता था जिस रास्ते कासिद से होकर २६ नवंबर के कातिल मुंबई आए थे। मैं भी इस कमजोर कड़ी को देखना चाहता था। हालांकि अंत में यही तय हुआ कि एस्सेल वल्डॆ ही चलें क्योंकि बेटू उसे लेकर काफी रोमांचित हैं। ये पोस्ट सिफॆ आपको अपडेट करने के लिए डाल रहा हूं। डिटेल पोस्ट इलाहाबाद लौट कर करूंगा। सोचा तो है कि मुंबई पर पूरी सिरीज पोस्ट करूं। कर पाया तो मुझे भी मजा आएगा। वैसे कल हम मुंबई साउथ की लगभग सभी शानदार जगहों को आंखों के जरिए दिल में बसा चुके हैं। शाहरुख का घर मन्नत, उसके सामने स्थित शानदार बैंड स्टैंड, चौपाटी, एलिफेंटा, फैशन स्टीट, हाजी अली, मैरीन डाइव, सी लिंक, सुखराम फूड प्लाजा जैसे कई और नाम हैं जिन्हें डिटेल पोस्ट में शेयर करूंगा। तब तक मुंबई का एक और शानदार नजारा आपके लिए।

2 comments:

  1. Wah Prabhu,
    To aap Mumbai mein hain! Tabhi Phone nahi mil raha hai. Any way enjoy your trip there.. Ho sake to Bhau cha Dhakka ho aaiyega kam log jaatein hain. Aur haan CST se Local Train se Navi Mumbai tak jaakar in between stations pe bhi utariyega mujhe mazaa aaya tha ho sakta hai aapko bhi aaye...
    Wish you Happy trip/journey and Happy NEW Year..

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  2. kaatilo ki baat ki to gana yaad aa gaya.'ye mumbai shahar haadso ka shahar hai....'!

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खुद को समझने की कोशिश लंबे समय से कर रहा हूं। जितना जानता हूं उतने की बात करूं तो स्कूल जाने के दौरान ही शब्दों को लय देने का फितूर साथ हो चला। बाद में किसी दौर में पत्रकारिता का जुनून सवार हुआ तो परिवार की भौंहे तन गईं फिर भी १५ साल से अपने इस पसंदीदा प्रोफेशन में बना (और बचा हुआ) हूं, यही बहुत है। अच्छे और ईमानदार लोग पसंद हैं। वैसा ही रहने की कोशिश भी करता हूं। ऐसा बना रहे, यही कामना है।