Friday, 24 July 2009

कुञ्छ युवाओं ने आज राष्ट्रध्वज केञ् समान केञ् लिए अलग तरह का अभियान शुरूञ् किया है। वे तिरंगे को इलाहाबाद से यमुना पुल पर लगवाना चाहतें हैं। उन्होंने इसकेञ् लिए बाकायदा हस्ताक्षर अभियान भी शुरूञ् किया है। दोपहर करीब एक बजे इस अभियान का नेतृत्व कर रहा अभिषेक विश्वविद्दयालय पहुंचने वाले युवाओं, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों (कुञ्छ मीडियाकर्मियों से भी) इस अभियान केञ् लिए दस्तखत करने का अनुरोध कर रहा था। इस अपील केञ् जवाब में मुंह बिसूरते, बगलें झांकते और कन्नी काटते लोगों को देख कर जी मितला गया। किस युवा भारत की बात करते हैं हम। タया सिर्ड्डञ् पंद्रह अगस्त और छबीस जनवरी ही, तिरंगे पर सलामी ठोंकने केञ् लिए हैं। समलैगिंकता, मंदिरलृमसजिद या फिर किसी भी छोटे और कम महत्व केञ् कारणों पर भी उबल जाने वाले तथाकथित स्वाभिमानी देश केञ् स्वाभिमान केञ् नाम पर कहां चले जाते हैं।

2 comments:

  1. abhishek ka sath har kisi ko dena chahiye

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  2. YAH EK ACHCHHA PTAASH HAI, HAM TO SATH HAI HI AAP KA SAHYOG MIL RAHA HAI, YAH BHI KHUSHI KI BAAT HAI.

    AAPKA HINDI BLOGGING ME SWAGAT HAI

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खुद को समझने की कोशिश लंबे समय से कर रहा हूं। जितना जानता हूं उतने की बात करूं तो स्कूल जाने के दौरान ही शब्दों को लय देने का फितूर साथ हो चला। बाद में किसी दौर में पत्रकारिता का जुनून सवार हुआ तो परिवार की भौंहे तन गईं फिर भी १५ साल से अपने इस पसंदीदा प्रोफेशन में बना (और बचा हुआ) हूं, यही बहुत है। अच्छे और ईमानदार लोग पसंद हैं। वैसा ही रहने की कोशिश भी करता हूं। ऐसा बना रहे, यही कामना है।