व्यस्तताओं में पूरा दिन रेत सा जाने कब बीत गया कि पालथी मार कर आपके साथ बैठने का वक्त ही नहीं मिला। फिर भी एक हाईकू आपके लिए----
मैं चूम लेता हूं
पवनदूती के अधरों को अक्सर
मुझे पता है,
तुम भी चूमती हो....
Friday, 7 August 2009
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About Me

- BHUPESH
- खुद को समझने की कोशिश लंबे समय से कर रहा हूं। जितना जानता हूं उतने की बात करूं तो स्कूल जाने के दौरान ही शब्दों को लय देने का फितूर साथ हो चला। बाद में किसी दौर में पत्रकारिता का जुनून सवार हुआ तो परिवार की भौंहे तन गईं फिर भी १५ साल से अपने इस पसंदीदा प्रोफेशन में बना (और बचा हुआ) हूं, यही बहुत है। अच्छे और ईमानदार लोग पसंद हैं। वैसा ही रहने की कोशिश भी करता हूं। ऐसा बना रहे, यही कामना है।
मित्र यह हाईकू नही है हाईकू विधा में, प्रथम पक्तिं में 5, दूसरे में 8 तथा तीसरी पक्तिं में 5 वर्ण होते है।
ReplyDeleteजबकि आपके हाईकू में चार पक्ितयाँ, जबकि हाईकू में तीन पक्तिंयाँ ही होती है।
"hikoo" shabd se aprichit hoon kuchh aur
ReplyDeletejaankari mil sakti hai kya ?
hausla badhane ke tahe dil se shukraguzaar hoon!dosto se to maargdarshan apekshit hai,rashk jo kare so kare !
मैं चूम लेता हूं
ReplyDeleteपवनदूती के अधरों को अक्सर
मुझे पता है,
तुम भी चूमती हो....
अच्छा है. .
Boos ye hikoo kahi high school ka sort form to nahi hai. Pata chala phir se padhna padega.
ReplyDeleteAksya Mishra